"ऐ खुदा "
"ए खुदा इस साल तो कुछ नया करदे
खुसिओ से अपने बन्दों की छोलिया भर दे
बीते हुवे साल के जख्मो को भरने का
कुछ तो मरहम कर दे
हमारी गलतियों को तू माफ़ कर दे
हमारे जीने का कुछ तो सबब कर दे
सुना हैं तू बहुत रहम दिल हैं
अपने बन्दों की परवाह करता हैं
हम उब चुके हैं इस परेसनियो से
अपनी नज़रे करम कर दे "
खुसिओ से अपने बन्दों की छोलिया भर दे
बीते हुवे साल के जख्मो को भरने का
कुछ तो मरहम कर दे
हमारी गलतियों को तू माफ़ कर दे
हमारे जीने का कुछ तो सबब कर दे
सुना हैं तू बहुत रहम दिल हैं
अपने बन्दों की परवाह करता हैं
हम उब चुके हैं इस परेसनियो से
अपनी नज़रे करम कर दे "
... انش ا رحمن ..
"हमारा देश "
सब कहते हैं "रहमान" पागल हैं ,यहाँ वहा इबादत करता हैं
मस्जिद में गायेत्री मंत्र , मंदिर में कुरान पढता हैं
राम को रहीम , रहीम को राम , श्याम को अली ,अली को श्याम बुलाता हैं
मैं कहता हूँ बुजदिलो , क्या गलत करता हूँ
जब खुदा एक हैं , ईश्वर एक हैं,God एक हैं
ये तुम भी कहते हो , ये मैं भी कहता हूँ
तो अगर मैंने राम को रहीम ,रहीम को राम
श्याम को अली ,अली को श्याम ,कह दिया तो क्या गलत किया
अब तो इस राम -रहीम से बाहर आवो देश का सोचो समाज को देखो
कब तक लड़ते रहोगे इन मुल्ला ,पंडित और नेतावो के लिए
कब तक यु ह़ी बहाते रहोगे अपने खून, राम और रहीम के लिए
अब तो जागो सबेरा होने को हैं , देश उन्नति की राह पर चल रहा हैं
हम भी कदम से कदम मिलाये ,अपनी मात्रभूमि पर अपनी जान लुटाये
कौमी एकता का परचम लहराए ,बन्दे मातरम -बन्दे मातरम का गीत गुण गुनाए !!
... انش ا رحمن ..
मेरा भारत महान
रहते हैं वो शहर में , बात गावों की करते हैं
उन्हें पता नहीं कैसे पड़ते हैं बीज खेतो में
वो खुशहाली की बात करते हैं
उन्हें ये भी मालूम नहीं खेतो से चावल आते हैं या धान
वो भारत के विकाश की बात करते हैं
अरे मूर्खो कैसे होगा देश खुशहाल
80 -करोड़ जनता गावों में रहती हैं
तुम 20- करोड़ की बात करते हो
क्या ये मुमकिन हैं मुठी भर लोगो से
तुम कर सकोगे देश का विकाश
ये हरगिज नहीं हो सकता
हमारा देश तो तब होगा खुशहाल
जब हर खेत में हरियाली होगी , हर चेहरे पे लाली होगी
हर गावों में बिजली होगी , सड़क होगी , पानी होगा
जब गावों और शहर के बिच दुरी न होगी
जब हमे दुसरे देशो के आगे शिर झुकाने की मजबूरी न होगी
तभी हम उन्नति की राहों पर आएँगे , पुरे विश्व में अपना तिरंगा लहरायेंगे
हमे यकिन हैं एक दिन ऐसा आएगा ,हमारे बिच सब दूरियां मिट जायेगा
तभी गाँधी ,सुभाष , आजाद का ये देश , महान कहलायेगा .........
... انش ا رحمن .. रहते हैं वो शहर में , बात गावों की करते हैं
उन्हें पता नहीं कैसे पड़ते हैं बीज खेतो में
वो खुशहाली की बात करते हैं
उन्हें ये भी मालूम नहीं खेतो से चावल आते हैं या धान
वो भारत के विकाश की बात करते हैं
अरे मूर्खो कैसे होगा देश खुशहाल
80 -करोड़ जनता गावों में रहती हैं
तुम 20- करोड़ की बात करते हो
क्या ये मुमकिन हैं मुठी भर लोगो से
तुम कर सकोगे देश का विकाश
ये हरगिज नहीं हो सकता
हमारा देश तो तब होगा खुशहाल
जब हर खेत में हरियाली होगी , हर चेहरे पे लाली होगी
हर गावों में बिजली होगी , सड़क होगी , पानी होगा
जब गावों और शहर के बिच दुरी न होगी
जब हमे दुसरे देशो के आगे शिर झुकाने की मजबूरी न होगी
तभी हम उन्नति की राहों पर आएँगे , पुरे विश्व में अपना तिरंगा लहरायेंगे
हमे यकिन हैं एक दिन ऐसा आएगा ,हमारे बिच सब दूरियां मिट जायेगा
तभी गाँधी ,सुभाष , आजाद का ये देश , महान कहलायेगा .........
"इमानदारी "
ये इमानदारी भी अजीब चीज हैं
जितनी खुशी नहीं मिलती
उस से जयादा गम देती हैं
तुम इमानदारी बरतते जावो
वो तुम्हे गम और सिर्फ गम देते जायेंगे
कभी कभी तो हद होती हैं
अपने लोग ह़ी आप पर सक करने लगते हैं
वो आप की तरह बन नहीं सकते
तो अप्प को निचा दिखाने की
कोशिस करने लगते हैं
पर हम भी ओ "पागल " हैं
जो अपने आप को बदल नहीं सकते
... انش ا رحمن ..